मंजिल
मंजिल पाने के लिए,
देना तुम बलिदान।
त्याग तपस्या से बनो,
जग में सदा महान।।
क्षण भर के सुख के लिए,
तुम मत पग को थाम।
चले चलो अविरल सदा,
मंजिल कर लो नाम।।
आगे की रख सोच सदा,
छोड़ पुरानी बात।
मंजिल तब कदमों तले,
बदलेंगे हालात।।
राह उसे मिलती सदा,
जब हो दिल में चाह।
कदम-कदम आगे बढ़ो,
नप जाएगी राह।।
✒© विनय कुमार बुद्ध
1 टिप्पणियाँ
Its very nice and encouraging. Keep on like this.
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