शिवशंकर अब जागिए


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संकट में सब भक्त हैं,

तुम सोते चुपचाप ।

अब तो उठकर देखिये,

कितना फैला पाप ।।

       

बढ़ते अत्याचार से,

देश रहा है डोल ।

शिवशंकर अब जागिए,

अपनी आँखें खोल ।।


फिर से तुम तांडव करो,

जटा खोल लो आज । 

दुष्टों का विनाश करो,

प्रलय मचा दो आज ॥


ले त्रिशूल प्रहार करो,

कर दो तुम संहार ।

भक्त जनों पर आज ये,

कर दो तुम उपकार ।।

         ✒ विनय कुमार "बुद्ध"



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20 टिप्पणियाँ

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  2. "ना आदि ना अंत है उनका !
    वो सबका ना इनका उनका!
    वोही शुन्य है वही ईकाई जिसके भीतर बसा शिवाय!"

    ॐ नमः शिवाय !!
    महा शिवरात्रि की शुभकामनाएं सर।

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  3. 🚩🚩🚩🚩🚩HAR HAR MAHADEV 🚩🚩🚩🚩🚩
    Om namha shivie !!!
    Happy mahashivratri sir 🙏

    जवाब देंहटाएं
  4. 🕉️ NAMAHA: SHIVAYA.....
    SIR G BAHUT ACHHI KAVITA🙏🙏🙏🙏

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  5. बहुत अच्छी कविता है, सर जी।
    आपको महा शिवरात्री की हार्दिक शुभ कामना।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत ही शानदार।

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