जीवन में कुछ अच्छा कर लो

 जीवन में कुछ अच्छा कर लो

             (गीत)

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जीवन में कुछ अच्छा कर लो

रोज साँस घटती जाती

जीवन में कुछ अच्छा कर लो


क्यों बीज पाप के बोते हो,

फिर उसकी गठरी ढोते हो,

क्यों पुण्य-कृपा को खोते हो,

थोड़ा ईश्वर से डर लो

जीवन में कुछ अच्छा कर लो


निज मन से वैर मिटाओ तुम,

अब प्रीत-प्यार बरसाओ तुम,

जन-जन को गले लगाओ तुम,

दीन-हीन के दुख हर लो

जीवन में कुछ अच्छा कर लो


मातु-पिता के तुम आशा हो,

मन में ना तनिक निराशा हो,

यह जीवन नहीं तमाशा हो,

मन में नव आशा भर लो

जीवन में कुछ अच्छा कर लो


रोज साँस घटती जाती

जीवन में कुछ अच्छा कर लो 


✒️© विनय कुमार बुद्ध



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