अपने सौंदर्य को निखारना नारी का
स्वभाव है । वह अपने रंग-रूप को निखारने की भरसक कोशिश भी
करती है । प्रत्येक नारी मन की यही चाह होती है
कि वह सुंदर दिखे, उसके लिए वह अनेक सौंदर्य-प्रसाधनों का प्रयोग करती है। आप अपने चेहरे पर कितनी भी लीपा-पोती कर लें, चाहे कितनी भी आधुनिक वेशभूषा धारण कर
लें किंतु यदि आपकी आदतें ठीक नहीं होगी तो ऐसी स्थिति में आपकी महंगी वेशभूषा और
चेहरे के मेकअप का कोई महत्व नहीं रह जाता। कहा जाता है कि महिलाओं की चाल-ढाल
देखकर स्वभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है । ऐसे में महिलाओं की आदतें सलीकेदार
होनी चाहिए,
महिलाएं अपने उठने-बैठने पर विशेष ध्यान दें। बहुत झुक कर कभी ना बैठें, इससे आपका व्यक्तित्व दब कर रह जाता है। नारी
का रूप उसके गुणों द्वारा ही उभरकर सामने आता है। नारी चाहे कितनी ही रूपवान एवं
सजी-धजी क्यों न हो यदि उसे बोलने-चालने उठने-बैठने का सलीका नहीं आता हो तो ऐसे
में उसकी सुंदरता का कोई अर्थ नहीं रह जाता । महत्वपूर्ण यह है कि आज साज-श्रृंगार
के अतिरिक्त आप अपने व्यक्तित्व में निखार लाने के प्रति कितनी सजग हैं, कितनी
सतर्क हैं।
कुछ महिलाएं बात करते समय अनौपचारिक अदाओं का प्रयोग करने से बाज नहीं आती जैसे होठों व भौंहों को अजीबोगरीब दिशाओं में घुमा-घुमा कर बात करना, आवश्यकता से अधिक हाथों को हिला-हिला कर बात करना तथा कुछ महिलाएं गर्दन की नस-नाड़ियां खींचकर-सिकुड़ाकर भी बातें करती है । इन क्रियाओं को जान-बूझकर करना केवल यह सोच कर कि वे काफी सभ्य लग रही है तो यह उनका सरासर भ्रम है। यह सब देखने में बड़ा हास्यास्पद लगता है। आवश्यकता से अधिक बोलकर भी अपना महत्व ना घटाएं, सदैव शांत स्वभाव का परिचय दें। चीढ़कर कभी बातें ना करें, गुस्से में पड़ी त्यौरियाँ चेहरे का आकर्षण लुप्त कर देती है। बहुत अधिक हंसकर बोलना भी ठीक नहीं है। ऐसे में करीब बैठे व्यक्ति तक आपकी बातें कम आती है और आपकी हंसी में उड़े थूक के छींटे अधिक आते हैं। कुछ स्त्रियों को नाखून पालने का शौक रहता है। वे बराबर नाखूनों की सफाई एवं देखभाल नहीं करती है। सिर्फ कुछ महिलाओं की देखा-देखी नाखून बढ़ा लेती है। जो वक्त के अभाव में या आलस्य के कारण उन्हें ठीक से आकार नहीं दे पाती और यूं ही टेढ़े-मेढ़े से नाखून पाल रखती है बैठे-बैठे नेल पॉलिश खुरचती रहती है या फिर दांत से नाखून चबाते रहती है। कुछ महिलाएं होठों की लिपस्टिक बचाने की चाह में होठों को अजीब मुद्रा में घुमा-फिरा कर खाती-पीती है। ऐसे में देखने वाले मन ही मन हंसे बिना नहीं रह सकते। बहुत सी नारियां अपनी शक्ल-सूरत से संतुष्ट नहीं होती। ये स्त्रियां अपने व्यक्तित्व पर ध्यान ना देकर सदैव अपनी शक्ल को कोसती रहती है। कुंठाग्रस्त न होकर अपने आत्मविश्वास को जगाएं। तब आप अवश्य ही किसी से कम नहीं लगेगी। यदि आप यह सोचती है कि सिर्फ मेकअप एवं परिधान से आप अच्छी लगेगी तो यह आपकी भूल होगी। आप सादगी में भी गजब ढा सकती हैं। क्योंकि सादगी भी तो एक क़यामत की अदा होती है। बशर्ते कि आप के वस्त्र साफ एवं स्वच्छ हो और चेहरे पर उदासी का नामोनिशान तक न हो।
-विनय कुमार बुद्ध
The beauty that enhances womanhood is meaningful
It is the nature of a woman to enhance her beauty. She also tries
her best to enhance her appearance. The desire of every woman's mind is that
she looks beautiful, for that she uses many cosmetics. No matter how much you
dress up on your face, no matter how much modern costumes you wear, but if your
habits are not right, then in such a situation, your expensive costumes and
facial, make-up are of no importance.
It is said that one can get a sense of nature by watching the movement of
women. In such a situation, the habits of women should be well-behaved, women
should pay special attention to their movements. Never sit down too much, this
keeps your personality under control. Woman's form emerges only by her
qualities. No matter how beautiful and adorned the woman is, if she does not
know how to sit and speak and get up, then her beauty has no meaning. It is
important that in addition to the make-up today, how much are you alert and how
much you are alert to enhance your personality. Some women do not desist from
using informal gestures while talking, such as talking around the lips and
eyebrows in strange directions, talking excessively with hands, and some women
dragging the neck veins - She talks even after shrinking. Doing these actions
on purpose only thinking that they look decent enough, it is their sheer
illusion. It seems ridiculous to see all this. Do not reduce your importance by
speaking more than necessary, always show calm nature. Never talk incoherently,
angry frowns lose the charm of the face. It is also not right to laugh a lot in
such a situation, your talk gets less to the person sitting close and the spit
of spit flew more in your laughter. Some women are fond of keeping nails. They
do not clean and care for the nails. Only a few women get their nails seen. In
the absence of time or due to laziness, they are not able to shape them
properly and like this, they keep nail nails crookedly, while sitting, nail
polish keeps scratching or chewing nails with teeth. Some women want to save
lipstick and eat it in a strange pose. In such a situation, the seeing mind
cannot live without laughing. Many women are not satisfied with their
appearance. These women always curse their face without paying attention to
their personality. Do not get frustrated and arouse your confidence. Then you
will definitely not look less than anyone. If you think that you will like only
by makeup and apparel then it will be your mistake. You can also be amazing in
simplicity. Because even simplicity pays a price. Provided that your clothes
are clean and there is no sign of sadness on the face.
-Vinay Kumar Buddh
15 टिप्पणियाँ
बहुत ही सुंदर तरीके से नारी स्वभाव का वर्णन।
जवाब देंहटाएंहृदयतल से आभार आपका
हटाएंअति सुंदर व्याख्या। 👌💐🙏🙏
जवाब देंहटाएंRamjash saini
बहुत बहुत धन्यवाद
हटाएंEkdam sahi
जवाब देंहटाएंजी भाई
हटाएंNice Sir!!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंआभार आपका
हटाएंVery nice description sir..
जवाब देंहटाएंथैंक यू
हटाएंबहुत ही सुन्दर वृतांत सर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जी
हटाएंनारी की व्याख्यान आपने बड़े ही सुंदर ,सरल और सहज रूप से किया हैं , अतिसुन्दर 🙏🙏
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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