जगदम्बा माई

 




जब भीड़ पड़ी भक्तों पर, 

माँ दौड़ी आई है।

जग कल्याणी सुखदाई,

जगदम्बा माई है ।।

 

मैं अबोध बालक मैय्या,

तुम मेरी माता हो।

मैं दीन-हीन याचक हूँ,

तुम सबके दाता हो।

 

पावन है माँ की ममता,

उसकी परछाई है।

जग कल्याणी सुखदाई,

जगदम्बा माई है।।

 

जब पाप बढ़ी धरती पर,

जीना दुश्वार हुआ।

तब कष्ट दूर करने को,

माँ का अवतार हुआ।

 

दुखियों के दुख हर लेती,

भक्तन सुखदाई है।

जग कल्याणी सुखदाई,

जगदम्बा माई है ।।

 

हाथ जोड़कर सभी खड़े,

लगा रहे जयकारे।

जिसे आसरा मैय्या पर,

माता उन्हें उबारे।।

 

विनती झट से सुन लेती,

शुभ फलदाई है।

जग कल्याणी सुखदाई,

जगदम्बा माई है ।।

  विनय कुमार बुद्ध

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16 टिप्पणियाँ

  1. बहुत ही सुन्दर भक्ति कविता सर जी! माता रानी का कृपा बनी रहे हमलोगों पे!

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  2. माँ जगदम्बा की कृपा सभी भक्तों पर सदैव बनी रहे।

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  3. माँ जगदम्बा की कृपा सभी भक्तों पर सदैव बनी रहे।

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  4. जय जगदम्बा भवानी , माता रानी की कृपा हमेशा बनी रहे हम सबों पर l आपकी यह कविता जग जाहिर हो यही कामना हैं🙏🙏

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