साल अब बीत गया,
सुख-दु:ख साथ गया,
नया साल आने को है,
स्वागत तो कीजिये ।
साल भर जो भी किया,
पाप-पुण्य मोल लिया,
शांत मन बैठ अब,
मूल्यांकन कीजिये ।
दुखे न किसी का दिल,
रहे सब साथ मिल,
कड़वे वाणी छोड़के,
मीठे बोल बोलिये ।
नारी का सम्मान करें,
बुजुर्गो का मान करें,
नये साल पर अब,
प्रण सब लीजिये ।
फले-फूले खुश रहें,
व्यस्त रहें मस्त रहें,
नववर्ष पर मेरी,
दुआएँ तो लीजिये ।
✒ विनय कुमार 'बुद्ध'
4 टिप्पणियाँ
अतिसुन्दर
जवाब देंहटाएंअतिसुन्दर कविता सर जी!
जवाब देंहटाएंHappy New Year sir ji��
जवाब देंहटाएंनए साल मे नया शुरुआत हो,
जवाब देंहटाएंइस बार फिर से नया शुरुआत हो।